‘होम स्टे’ में बढ़ रही पर्यटकों की दिलचस्पी, रोजगार के साथ गुलजार होंगे यूपी के गांव

घुमक्कड़ी के शौकीनों के बीच ‘होम स्टे’ का चलन तेजी से बढ़ा है। घूमने जाने वालों के दिलों में होटल के विकल्प के रूप में होम स्टे तेजी से जगह बना रहा है। होटल की तुलना में होम स्टे सस्ता और स्थानीय समुदाय के बीच विशेष अनुभव प्रदान करता है। शायद यही वजह है कि, पर्यटकों के बीच इसका आकर्षण तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि, बहुतेरे लोग आज भी इसका मतलब नहीं समझ पाते। लोगों को होटल और होम स्टे के बीच का स्पष्ट अंतर नहीं पता होता है।

उत्तर प्रदेश में पर्यटन एक नया उभरता हुआ उद्योग है। इस बात की तस्दीक साल 2023 में राज्य में आने वाले 48 करोड़ पर्यटकों की संख्या करती है। जब इतनी बड़ी संख्या में लोग घूमने आ रहे हैं, तो उनके रहने और मेहमाननवाजी का अवसर रोजगार के नए अवसर प्रदान कर रहा है। उत्तर प्रदेश का पर्यटन देश-दुनिया में सुविख्यात है। प्रदेश में समय के साथ होटल्स का कारोबार बढ़ा है। मगर, नए टूरिस्ट्स डेस्टिनेशन के साथ होम स्टे ने बेहद कम समय में पर्यटकों के दिलों में अच्छी जगह बना ली है। वर्तमान में यूपी टूरिज्म बड़े पैमाने पर होम स्टे को बढ़ावा दे रहा है। प्रदेश सरकार इस दिशा में प्रशिक्षण के साथ-साथ पर्यटन नीति 2022 के अंतर्गत इच्छुक व्यक्तियों को आर्थिक मदद भी प्रदान कर रही है।

क्या है होम स्टे?

होम स्टे सुनते ही कुछ लोगों को लगता है, शायद होटल जैसा ही होगा। उसी तरह की सुविधाएं यहां भी मिलती होंगी। होम स्टे को लेकर आपका यही कन्फ्यूजन हम दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। होम स्टे पर्यटकों के रुकने की उस सुविधा का नाम है, जहां किसी होटल या लॉज में ना ठहरकर किसी स्थानीय घर पर रुक सकते हैं। होम स्टे व्यवसाय आपके घर के पास पर्यटकों या आगंतुकों को कमरा या फ्लैट किराए पर देने का एक तरीका है, जिसमें घर का मालिक अपनी सेवाओं के बदले पैसे लेता है।

होम स्टे एक ऐसे परिवार के लिए बेहतर सौदा है, जिसे पूरे परिवार के साथ समय बिताने के लिए बड़ा या कई कमरे बुक करने पड़ते हैं। होम स्टे उन जोड़ों या दोस्तों के लिए भी मुफीद है, जो एक समूह में चलते हैं। होटल में खाने के लिए वही व्यंजन या मेन्यू बार-बार मिलता है, जबकि होम स्टे में आपको स्थानीय डिश का लुत्फ़ लेने का मौका मिलता है। कई होम स्टे मालिक तो आपके खुद ही खाना बनाने का इंतजाम कर देते हैं। तुलनात्मक नजरिए से देखें तो होम स्टे आपको ज्यादा अच्छा अनुभव प्रदान करता है एवं स्थानीय समुदाय के साथ आपको जोड़ता है जो किसी होटल में नहीं मिलता है।

सेफ्टी को लेकर न लें टेंशन

होम स्टे में सुरक्षा को लेकर कई आगंतुकों के मन में सवाल उठते हैं। यात्रा के दौरान आप भी सेफ्टी को लेकर परेशान रहते हैं तो होम स्टे में आपको सुरक्षा की गारंटी दी जा सकती है। बता दें, होम स्टे भी कई तरह के होते हैं, किसी में आप अकेले ठहर सकते हैं तो किसी में अन्य लोगों के साथ। अपनी सुविधा के हिसाब से ही आप होम स्टे का चयन करें।

होम स्टे की बुकिंग कैसे करें?

तकरीबन हर बड़े टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर स्थानीय लोग अपने घरों में कुछ कमरे होम स्टे के हिसाब से तैयार रखते हैं। होम स्टे के लोकप्रिय होने की मुख्य वजह कम बजट में ठहरने और खाने की सुविधा का मिलना है। अगर, आप भी होटल की जगह होम स्टे लेना चाहते हैं, तो ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं। कुछ प्राइवेट कंपनियां भी होम स्टे की बुकिंग सुविधा उपलब्ध कराती हैं। होम स्टे में पर्यटकों को बंगले मिल जाते हैं। आप अपने हिसाब से उन्हें चुन सकते हैं।

‘बेड एंड ब्रेकफास्ट और होम स्टे योजना’

उत्तर प्रदेश पर्यटन ‘अतिथि देवो भवः’ की परिकल्पना को मानता है। पर्यटन का दायरा बढ़ाने और देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने के मकसद से यूपी टूरिज्म ने ‘बेड एंड ब्रेकफास्ट और होम स्टे योजना’ शुरू की। पर्यटक न सिर्फ स्थानीय परिवेश और यहां की संस्कृति से रूबरू होते हैं, बल्कि उसे समझने और जुड़ने का अवसर भी मिलता है। पर्यटक गांवों में ठहरकर यहां के खान-पान के साथ स्थानीय संस्कृति को समझने का प्रयास करते हैं। इस योजना का उद्देश्य होम स्टे के जरिए बड़ी आबादी को रोजगार उपलब्ध कराना है। पर्यटक भुगतान कर गांव के चिह्नित मकान में ठहर सकते हैं।

पर्यटन विभाग होम स्टे को दे रहा प्रोत्साहन

यूपी सरकार की पर्यटन नीति 2022 के तहत गांवों में होम स्टे विकसित करने का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को प्रेरित करने के साथ उन्हें अपने घर को होम स्टे की सुविधा में ढालने के लिए सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। पर्यटन नीति में इस बात को शामिल किया गया है कि गांव के घरों को होटल और लॉज के रूप में बदला जा सकेगा। इससे प्रदेश में ईको टूरिज्म और रूरल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।

होम स्टे का मूलमंत्र ‘अतिथि देवो भवः’

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां पर्यटन क्षेत्र में काफी विविधता है। ग्रामीण पर्यटन के तहत पर्यटक अलग-अलग संस्कृति से परिचित होते हैं। होम स्टे इसमें बड़ी भूमिका अदा करता है। होम स्टे, वैकल्पिक आजीविका के साधन रूप में उभरा है। यह विभिन्न क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए आश्रय की कमी को दूर करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग योजना के माध्यम से होम स्टे संचालकों को घरेलू आगंतुक अनुभव विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इस योजना की परिकल्पना ‘अतिथि देवो भवः’ के तहत की गई है। होम स्टे संचालक अतुल्य भारत की अवधारणा को साकार करते हुए आतिथ्य को सर्वोपरि रखते हैं।

रूरल-एग्रो टूरिज्म में मददगार होम स्टे

उत्तर प्रदेश में ग्रामीण कृषि-पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश में देश के सबसे अधिक गांव हैं। प्रत्येक गांव ग्रामीण जीवन और कृषि पद्धतियों की एक अनूठी झलक पेश करता है। रूरल टूरिज्म और एग्रो टूरिज्म के बढ़ते चलन के मद्देनजर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने ग्रामीण और कृषि-पर्यटन विकास के लिए 229 गांवों की पहचान की है। इन ग्रामों में ठहरने सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए विभाग काम करवा रही है। इससे जहां स्थानीय कला, शिल्प और रोजगार को बढ़ावा मिल रहा है वहीं प्रदेश की प्राचीनता एवं आधुनिकता के संगम का अनोखा मॉडल विकसित हो रहा है। उत्तर प्रदेश में जगह-जगह नई बोली, भाषा, स्थानीय व्यंजन, परिधान और लोक कलाएं बिखरी पड़ी हैं। ग्रामीण होम स्टे से आगंतुकों को इन्हें करीब से जानने-समझने का अवसर प्राप्त होता है। साथ ही, स्थानीय समुदाय को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध हो रहा है। वहीं, युवाओं को रोजगार की तलाश में शहरों की ओर पलायन कम करने में मददगार साबित हो रहा है।

बढ़ते पर्यटकों के लिए बेहतर विकल्प

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के विराजमान होने के बाद उत्तर प्रदेश आने वाले पर्यटकों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। काशी, मथुरा, वृंदावन, आगरा में भी बड़े पैमाने पर आगंतुकों की संख्या बढ़ी है। इतने बड़े पैमाने पर आ रहे पर्यटकों के लिए ठहरने की पर्याप्त और उत्तम व्यवस्था जरूरी है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग इस दिशा में निरंतर प्रयास कर रहा है। होटल, रिसोर्ट, गेस्ट हाउस, होटल्स आदि के निर्माण पर छूट के साथ सरकार की ओर से मकान मालिकों को अपना घर होम स्टे बनाने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।